हरियाणा को “राष्ट्र का पावर हाउस” भी कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यह राज्य भारत देश के उत्तरी भाग में स्थित (30.69 मिलियन) 3.7 करोड़ की आबादी वाला राज्य है । यह (44,212 किमी 2 या 17,070 वर्ग मील) भूमि के साथ क्षेत्रफल के मामले में 21वें स्थान पर है । हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 27.65 लाख करोड़ (92 अरब अमेरिकी डॉलर) है और यह देश में प्रति व्यक्ति जीएसडीपी के मामले में 240,000 रुपये (2,900 अमेरिकी डॉलर) के साथ पांचवें स्थान पर है । हरियाणा का निर्माण 1 नवंबर 1966 को हुआ था और इसकी राजधानी चंडीगढ़ है ।
हरियाणा ऑटोमोटिव उद्योग । Automotive Industry
– ऑटोमोबाइल्स का हब: हरियाणा भारत के प्रमुख ऑटोमोटिव निर्माण राज्यों में से एक है । गुरुग्राम और मानेसर में मारुति सुजुकी के प्रमुख प्लांट स्थित हैं, जो भारत के सबसे बड़े कार निर्माता हैं ।
– पार्ट्स निर्माण: राज्य में कई सहायक इकाइयाँ हैं जो ऑटो पार्ट्स और कंपोनेंट्स का निर्माण करती हैं, जो ऑटोमोटिव सप्लाई चेन का समर्थन करती हैं ।
सूचना प्रौद्योगिकी और आईटी-समर्थित सेवाएँ । IT Hub
– आईटी हब: गुरुग्राम (गुड़गाँव) और फरीदाबाद हरियाणा के प्रमुख आईटी हब हैं, जहाँ इन्फोसिस, आईबीएम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक आईटी कंपनियों के कार्यालय हैं ।
– साइबर सिटी: गुरुग्राम की साइबर सिटी एक प्रमुख व्यापारिक जिला है जहाँ आईटी और बीपीओ कंपनियों का केंद्र है ।
वस्त्र और परिधान । Clothing and Apparel
– उत्पादन केंद्र: पानीपत, जिसे “बुनकरों का शहर” कहा जाता है, वस्त्रों के लिए एक प्रमुख केंद्र है, विशेष रूप से इसके हैंडलूम, कालीन और घरेलू साज-सज्जा के लिए जाना जाता है ।
– निर्यात: यह राज्य भारत के वस्त्र निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिसमें यार्न और फैब्रिक से लेकर रेडीमेड गारमेंट्स तक की उत्पाद श्रृंखला शामिल है ।
कृषि-आधारित उद्योग । Agro based Industries
– खाद्य प्रसंस्करण: हरियाणा की मजबूत कृषि नींव को देखते हुए, राज्य में एक मजबूत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग है । गेहूं, चावल और गन्ना जैसी प्रमुख फसलों से मिलिंग, डेयरी और अन्य कृषि-आधारित उद्योगों का समर्थन मिलता है ।
– डेयरी उद्योग: हरियाणा दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य है, जो कई डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों और ब्रांडों जैसे विटा का समर्थन करता है ।
फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल्स । Pharmaceuticals
– फार्मा हब: हरियाणा में करनाल और सोनीपत जैसे क्षेत्रों में उभरते फार्मास्यूटिकल हब हैं, जहां कई कंपनियां दवाइयों, मेडिकल डिवाइस और हेल्थकेयर उत्पादों का निर्माण करती हैं ।
– रासायनिक उद्योग: राज्य में औद्योगिक रसायनों, उर्वरकों और कीटनाशकों का उत्पादन करने वाले उद्योग भी हैं, जो कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों का समर्थन करते हैं ।
इंजीनियरिंग और भारी उद्योग । Heavy Industry
– औद्योगिक कॉरिडोर: फरीदाबाद और यमुनानगर इंजीनियरिंग गुड्स, भारी मशीनरी और टूल्स निर्माण के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं ।
– प्रेसिजन इंजीनियरिंग: राज्य अपने प्रेसिजन इंजीनियरिंग सेक्टर के लिए जाना जाता है, जो विभिन्न उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाली मशीनरी और उपकरणों की आपूर्ति करता है ।
नवीकरणीय ऊर्जा । Renewable energy
– सौर ऊर्जा: हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें कई सोलर पार्क और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पहलें शामिल हैं ।
– बायोमास और बायोगैस: राज्य बायोमास और बायोगैस ऊर्जा समाधान भी तलाश रहा है, जिससे कृषि अपशिष्ट का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सके ।
रियल एस्टेट और निर्माण । Real Estate
– शहरी विकास: गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में तेजी से शहरीकरण ने रियल एस्टेट और निर्माण उद्योग के विकास को प्रेरित किया है, जिसमें कई आवासीय, वाणिज्यिक और अवसंरचना परियोजनाएं शामिल हैं ।
– स्मार्ट सिटी: स्मार्ट सिटी जैसी पहलों से हरियाणा के निर्माण क्षेत्र को और बढ़ावा मिल रहा है ।
रक्षा और एयरोस्पेस । Defense and Aerospace
– औद्योगिक पार्क: हरियाणा रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों के लिए विशेष औद्योगिक पार्क विकसित कर रहा है, जिससे निवेश आकर्षित हो रहा है और इन उच्च-तकनीकी उद्योगों में निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा मिल रहा है ।
प्लास्टिक और पैकेजिंग । Plastics and Packaging
– निर्माण इकाइयाँ: राज्य में कई निर्माण इकाइयाँ हैं जो प्लास्टिक उत्पाद, पैकेजिंग सामग्री और पॉलिमर का उत्पादन करती हैं, जो एफएमसीजी, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि जैसे विभिन्न उद्योगों का समर्थन करती हैं।
हरियाणा का विविध औद्योगिक आधार, राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थित होना, और सक्रिय नीतियाँ इसे भारत के औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती हैं । राज्य का अवसंरचना, कुशल कार्यबल, और सहायक सरकारी पहलें विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करती रहती हैं ।