
भारत एक ऐसा देश है जहाँ सांस्कृतिक विविधता के साथ-साथ खेलों की भी अद्भुत विविधता देखने को मिलती है । आधुनिक और पारंपरिक दोनों भारतीय खेल सदियों से लोगों की जीवनशैली, अनुशासन और मनोरंजन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं । क्रिकेट से लेकर कबड्डी और खो-खो तक, हर खेल का अपना इतिहास, महत्व और पहचान है । इस लेख में हम भारत के शीर्ष 10 लोकप्रिय खेलों और उनके इतिहास को आसान भाषा में विस्तार से समझेंगे ।
1. क्रिकेट – भारत का सबसे लोकप्रिय खेल

क्रिकेट आज भारत का सबसे प्रिय और सर्वाधिक देखा जाने वाला भारतीय खेल है । इसकी शुरुआत भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान 18वीं सदी में हुई थी । 1932 में भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला और 1983 में पहली बार विश्व कप जीता, जिसने पूरे देश में क्रिकेट का जुनून पैदा कर दिया । 2008 मे IPL के आगमन ने क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर मनोरंजन और बिज़नेस की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया । आज क्रिकेट भारतीय युवाओं के सपनों, करियर और भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है ।
2. हॉकी – भारत का स्वर्णिम राष्ट्रीय खेल
हॉकी को लंबे समय तक भारत का राष्ट्रीय खेल माना गया है, यह सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक भारतीय खेल में से एक है । 1928 से 1956 तक हॉकी में भारत का दबदबा दुनिया पर साफ दिखा है । मेजर ध्यानचंद की शानदार कौशलता और टीम वर्क की बदौलत भारत ने 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते है । हॉकी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया और देश के खेल इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखा है ।
3. कबड्डी – प्राचीन भारतीय खेल की आधुनिक चमक
कबड्डी एक ऐसा भारतीय खेल है जिसकी जड़ें हजारों साल पुरानी हैं । इसका उल्लेख महाभारत और अन्य प्राचीन ग्रंथों में मिलता है । भारतीय गाँवों और मेलों में यह खेल वर्षों से खेला जाता रहा है । आधुनिक समय में Pro Kabaddi League (PKL) ने इस पारंपरिक खेल को नई पहचान दी है । रेड, डिफेंस और एंटी जैसी तकनीकों के साथ कबड्डी में ताकत, चपलता और रणनीति का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है ।
4. फुटबॉल – तेजी से बढ़ता भारतीय खेल
फुटबॉल भारत में ब्रिटिश काल के दौरान आया और धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगा है । 1911 में मोहुन बागान क्लब ने ब्रिटिश टीम को हराकर भारतीय फुटबॉल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज पल दिया था । आज ISL (Indian Super League) और I-League के कारण फुटबॉल एक उभरता हुआ भारतीय खेल बन चुका है । युवा खिलाड़ियों में इस खेल के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है और भारत का फुटबॉल भविष्य उज्ज्वल नजर आता है ।
5. कुश्ती – भारत की प्राचीन मल्लविद्या

कुश्ती भारत का अत्यंत पुराना और गौरवशाली भारतीय खेल है, इसे प्राचीन काल में इसे “मल्लविद्या” कहा जाता था । आज भी देशभर में अखाड़े और पहलवानों की परंपरा जीवित है । सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और बजरंग पुनिया ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है । यह खेल भारत की शक्ति, अनुशासन और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है ।
6. बैडमिंटन – आधुनिक भारत की नई पहचान

बैडमिंटन का आधुनिक स्वरूप भारत के पुणे शहर से शुरू हुआ, इसलिए प्रारंभ में इसे “पूना गेम” कहा जाता था । आज बैडमिंटन एक बेहद लोकप्रिय भारतीय खेल बन चुका है । साइना नेहवाल, पी.वी. सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों ने विश्व बैडमिंटन में भारत की पहचान स्थापित की है । भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों ने इस खेल को बड़ा स्थान दिया है ।
7. एथलेटिक्स – नीरज चोपड़ा ने बढ़ाई लोकप्रियता
एथलेटिक्स भारत का एक मूल और विविध भारतीय खेल है जिसमें दौड़, कूद, फेंक जैसे इवेंट शामिल हैं । प्राचीन काल में राजा-महाराजा, सैनिक और नागरिक सभी तरह के लोग शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए ये खेल खेलते थे । 2021 में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश को गर्व से भर दिया था । इस उपलब्धि के बाद एथलेटिक्स भारत में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं ।
8. टेनिस – अंतरराष्ट्रीय सफलता वाला खेल
टेनिस भारत में ब्रिटिश अधिकारियों के माध्यम से आया था । आज यह एक महत्वपूर्ण आधुनिक भारतीय खेल बन चुका है । लीएंडर पेस और महेश भूपति की शानदार साझेदारी ने भारत को कई ग्रैंड स्लैम खिताब दिए है । सानिया मिर्जा ने भी महिला टेनिस में दुनिया भर में भारत की पहचान मजबूत की है । डबल्स में भारत की विशेष पकड़ हमेशा से देखने को मिलती है ।
9. शतरंज – भारत का बौद्धिक उपहार दुनिया को

शतरंज की उत्पत्ति भारत के “चतुरंग” नामक खेल से हुई है । यह सबसे पुराना बौद्धिक भारतीय खेल है । विश्वनाथन आनंद ने भारत को शतरंज विश्व मानचित्र पर स्थापित किया था । आज भारत में हज़ारों युवा शतरंज सीख रहे हैं और कई ग्रैंडमास्टर बन रहे हैं । भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ता शतरंज राष्ट्र बन चुका है ।
10. खो-खो – तेज दौड़ वाला पारंपरिक खेल
खो-खो सदियों से गाँवों और स्कूलों में खेला जाने वाला पारंपरिक भारतीय खेल है । इसमें गति, चपलता और त्वरित निर्णय क्षमता की आवश्यकता होती है । आधुनिक समय में Ultimate Kho-Kho League ने इस खेल को नए स्वरूप में पेश किया है, जिससे युवा पीढ़ी में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है ।
निष्कर्ष – भारतीय खेलों का उज्ज्वल भविष्य
इन शीर्ष 10 भारतीय खेलों से यह स्पष्ट होता है कि भारत खेल प्रतिभा, परंपरा और शक्ति का देश है । क्रिकेट, हॉकी और कबड्डी जहाँ भारत की पहचान बने हुए हैं, वहीं बैडमिंटन, एथलेटिक्स और शतरंज भारत को नई वैश्विक ऊँचाइयाँ दे रहे हैं । भारतीय युवाओं का बढ़ता उत्साह यह साबित करता है कि आने वाले वर्षों में भारतीय खेलों का भविष्य बेहद उज्ज्वल है ।